Cookie [false/7]

Our website uses cookies to improve your experience.

Contact Form

Dark mode Logo

Dark mode Logo

Default Image

timeago

Related Posts

×
औरैया

औरैया: आई फ्लू से रहें सावधान, जारी किए निर्देश

औरैया। बारिश में कई बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है। इसलिए आई फ्लू जैसी बीमारी से सतर्क रहें। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार वर्मा का। सीएमओ ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ओपीडी में आने वाले मरीजों को पूरी तरह संतुष्ट कर ही वापस भेजें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में इसके लिए अलर्ट भी जारी किया गया है। आई फ्लू से संक्रमित लोगों को बचाव और इलाज के बारे में बताया जा रहा है। आई फ्लू में अचानक आंख लाल हो जा रहा है, आंख में जलन और गड़ने की समस्या भी होती है। युवाओं, बुजुर्गों के साथ बच्चे भी इसकी चपेट में हैं। उन्होंने आमजन से सावधानियां बरतने की अपील की है। उन्होंने बताया की सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की पूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। 

     जनपदीय नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ जेके सोनकर ने बताया की बरसात के मौसम में वायरल इन्फेक्शन समेत हवा में प्रदूषण वातावरण में नमी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसकी वजह से मरीज की आंखों से जुड़ी परेशानियां भी बढ़ जाती हैं इसी लिए आई फ्लू संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि आई फ्लू या कंजेक्टिवाइटिस की समस्या बारिश के मौसम में ज्यादा देखी जाती है। जिसका कारण है कि कंज्टिवा या पतली और क्लियर लेयर जो पलक के अंदर की परत और आंख के सफेद हिस्से को ढ़कता है उसमें सूजन आ जाती है जिसके कारण आंख हल्की गुलाबी या लाल हो जाती हैं। कहा की बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस बैक्टीरिया के कारण होता है और अत्यधिक संक्रामक भी हो सकता है। यह दूषित हाथों से आंख के संपर्क होने के कारण होता है।उन्होंने कहा कि आई फ्लू होने पर ऐसे करें बचाव- अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएँ। जब भी जरूरी अपने हाथों को धोए। अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, रूमाल, तकिया, आईकास्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनायें। संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल की चीजें इस्तेमाल न करें। ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। आईफ्लू के दौरान ऐसे बरतें सावधानी है- टी०वी० या मोबाईल से खुद को दूर रखें। रोजना इस्तेमाल किये जाने वाले रूमाल या तौलिया को नियमित रूप से बदले एवं साफ रूमाल तौलिया ही इस्तेमाल करें। समय-समय पर हाथों को साबुन से धोएं और सेनीटाइजर का इस्तेमाल करें।हर एक आधे घण्टे में आखों को ठण्डे पानी से धोये। आंखों में चश्मे का इस्तेमाल करें। दूसरे व्यक्ति के आँखों से सम्पर्क न बनायें। आँखों को बार-बार हाथों से टंच न करें। उपचार के विषय में बताया कि उपरोक्त लक्षण की अधिकता होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व निकटवर्ती चिकित्सालय में सम्पर्क कर डाक्टर की सलाह के अनुसार ही एन्टीबॅटिक/आई०ड्रप का इस्तेमाल करें।

रिपोर्ट - गुरदीप सिंह औरैया 

Post a Comment